Monday, 15 July 2013

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23 साल बाद मुलायम को अफसोस, बोले- अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने का फैसला दर्दनाक था | today hindi news papers

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के फैसले पर खेद जताया है। मुलायम ने करीब 23 साल बाद अपने इस आदेश पर खेद जताया है। 1990 में अयोध्या में राम मंदिर की कारसेवा के लिए लाखों लोग जमा हो गए थे। इन्हें काबू में करने के लिए उस समय मुख्यमंत्री रहे मुलायम ने गोली चलाने के आदेश दिए थे।

मुलायम ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में ये बात कही। मुलायम ने कहा कि कारसेवकों पर गोली चलवाने का फैसला देना बेहद दर्दनाक था, लेकिन मेरे पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं बचा था। यह देश की एकता-अखंडता का सवाल था। करीब 11 लाख कारसेवक विवादित परिसर के पास जमा हो गए थे। उस समय ऐसा फैसला लेना मजबूरी बन गया था।

मोदी के मॉ़डल को खारिज किया

इस इंटरव्यू में मुलायम ने मोदी मॉडल को भी खारिज किया। मुलायम ने कहा कि देश यूपी के विकास मॉडल को अपनाएगा। मुलायम ने सवाल उठाया कि उन्होंने किसानों और लड़कियों के लिए योजनाएं चलाईं, गुजरात में क्या हुआ। मुलायम ने ये भी कहा कि आज मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज की कन्यादान योनजा की तारीफ हो रही है, लेकिन मैंने 10 साल पहले ही ये योजना लागू कर दी थी।

पवार के पीएम बनने में गलत क्या है

मुलायम ने 2014 के चुनावों में अपनी पार्टी के किसी दूसरे दल को समर्थन के फैसले पर खुलासा नहीं किया। मुलायम ने हालांकि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के पीएम की दावेदारी पर सकारात्मक रुख दिखाया। मुलायम ने कहा कि अगर शरद पवार पीएम बनते हैं तो इसमें गलत क्या है?

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